6अक्तूबर
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से उत्तर‑पश्चिम भारत में भारी बारिश, दिल्ली में तापमान में 6℃ गिरावट
के द्वारा प्रकाशित किया गया अभिमन्यु विलक्षण

जब India Meteorological Department (IMD) ने 4‑7 अक्टूबर 2025 के लिए मौसम चेतावनी जारी की, तो उत्तर‑पश्चिम भारत के लोगों के लिए तेज़ हवा और भारी बारिश का संदेश आया। वही समय है जब वेस्टर्न डिस्टर्बेंस देश के तटों से इन‑टो‑फ़्यूज होकर दक्षिण‑पश्चिमी हवा को पेप्ट कर रहा है, और दिल्ली‑एनसीआर में तापमान लगभग छह डिग्री गिरने वाला है। यह सारी जानकारी न सिर्फ मौसम विज्ञानियों को, बल्कि हर घरपरिवार को प्रभावित करेगी, क्योंकि बारिश की मात्रा पहले से ही तीन गुना बढ़ चुकी है।

पिछला मौसम परिप्रेक्ष्य और मौजूदा वृहद् पैटर्न

अक्टूबर के शुरुआती दो दिनों में इंची‑अंतिम सूचकांक ने दिखाया कि मध्य‑पूर्वी समुद्र व बंगाल की लहरें भारत के उत्तर‑पश्चिमी भाग में नीचे तक उतर रही हैं। विशेष रूप से 5‑7 अक्टूबर तक अरेबियन सागर और बंगाल की कॉकटेल‑मॉइस्चर हवा को निचली ट्रॉपोस्फ़ीयर में बंधा हुआ देखा गया। इस प्रक्रिया ने एक ग्रामीण‑समुद्री टुना‑साइलिंग सिस्टम बना दिया, जिससे ट्रॉपिकल‑रिप लाइटिंग का इफेक्ट सामने आया।

परिणामस्वरूप हिमवर्षा, बताशा‑जैसी ओले और तेज़ हवाओं की संभावना बनी हुई है, जबकि इस दौरान देश के दक्षिणी हिस्से में औसत तापमान 2‑4℃ तक घटने वाला है। पिछले हफ़्ते की तुलना में उत्तर‑पूर्वी और मध्य‑भारतीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 2‑4℃ अधिक रिकॉर्ड हुआ था, लेकिन अब वह रिवर्स हो रहा है।

दिल्ली‑एनसीआर पर विशेष प्रभाव

दिल्ली के लोगों को अब एक नज़र में दो‑तीन बातों का ध्यान रखना होगा। पहेली‑सरीखी बात यह है कि इस साल के पहले पाँच दिनों में दिल्ली में 51.8 mm की बारिश हुई, जबकि औसत केवल 15.1 mm होती है। इसी कारण राजधानी का तापमान 34.1℃ से गिर कर 28℃ हो जाएगा, यानी लगभग 6 डिग्री की गिरावट। न्यूनतम तापमान 24.2℃ से नीचे 20℃ तक गिरने की संभावना है, जिससे ठंड के साथ‑साथ तेज़ बारीश भी होगी।

IMD ने 6‑7 अक्टूबर को पीला अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि intermittent showers और हवा के झोंके रहेंगे। स्थानीय समाचार एजेंसियों ने बताया कि सावधानी बरतने के लिए रेलवे स्टेशन, स्कूल‑कॉलेज, और बाजार‑भीड़ वाले स्थानों पर विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

पड़ोसी राज्य एवं केंद्र में भारी‑भारी वर्षा का अनुमान

भारी‑भारी बारिश के आंकड़े कुछ ही राज्य में 21 cm से अधिक की सीमा के भीतर आने की संभावना है। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा पर 2 अक्टूबर को 21 cm से अधिक बरसाने की भविष्यवाणी की गई है। इसी तरह बिहार में 3‑4 अक्टूबर को समान स्तर की बारिश का आँकड़ा है।

मध्य‑प्रदेश के विदर्भ, पश्चिमी बंगाल के सुदूर‑हिल, और सातिदल झारखंड में भी हल्की‑से‑मध्यम बारिश से तेज़ हवा और कभी‑कभी ओले पड़ सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर 3‑8 अक्टूबर के बीच 3‑8 दिनों में बारिश का प्रभाव रहेगा, जिससे कुल वर्षा 24‑106 mm तक पहुंच सकती है।

निपाल में समान मौसम‑प्रवाह

निपाल में समान मौसम‑प्रवाह

फरवरी‑जून के मध्य में भी भारत के साथ‑साथ नेपाल में भी समान वॉटर‑वॉल्यूम का असर दिख रहा है। 4 अक्टूबर को मेटियोरोलॉजिकल फ़ोरकास्टिंग डिवीजन, नेपाल ने बताया कि कोशी, मधे़श, बागमती और गण्डकी प्रांतों में moderate‑to‑heavy बारिश होगी, तथा कुछ जगहों पर बहुत‑बहुत भारी बारिश की संभावना है।

यह टॉप‑ड्रॉप‑की‑सेक्शन मुख्यतः बंगाल की लहरों और अरीन वेडर सोटा (आरोनाचल प्रदेश के ऊपर स्थित सायक्लोन) से हवा को फसाते हुए भारत‑नेपाल दोनों में एकसाथ बहाव पैदा कर रहा है।

आगे क्या उम्मीद रखें?

भारतीय मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर 8‑10 अक्टूबर तक धीरे‑धीरे कम हो सकता है, लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में देर‑से‑बारिश की संभावना बनी रहेगी। इस दौरान तापमान का गिराव धीरे‑धीरे सामान्य हो सकता है, परंतु रात‑का तापमान 19‑20℃ से नीचे नहीं जाएगा।

सभी किसानों और यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे हर‑घंटा अपडेटेड मौसम रिपोर्ट देखेँ, क्योंकि अचानक गिरते तापमान और तेज़ हवाओं से फसल‑कुचल तथा सड़कों पर दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिल्ली में इस बारिश से रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर क्या असर पड़ेगा?

बावजूद कि बारिश हल्की‑से‑मध्यम है, बारीकी के कारण सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की संभावना बढ़ेगी। इसके अलावा, तापमान में अचानक गिरावट से सर्दी के चलन में जल्दी बदलाव होगा, इसलिए लोगों को गरम कपड़े और छतरी साथ रखने की सलाह दी गई है।

किसी अन्य राज्य को सबसे गंभीर बारिश का खतरा है?

छत्तीसगढ़, ओड़िशा और बिहार में 21 cm से अधिक की भारी‑भारी बारिश की भविष्यवाणी है, जिससे बाढ़, जलजमाव और फसल क्षति का जोखिम बढ़ सकता है। स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही एरियन‑बाढ़‑प्रतिकार योजना को लागू कर दिया है।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का यह लहर भारत में पहले कब आया था?

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव हर साल अक्टूबर‑नवंबर में देखा जाता है, पर 2025 की यह लहर विशेष रूप से दो‑तीन दिन में तेज़ हवाओं और ओले के साथ उभरी, जिससे पिछले दशकों की तुलना में अधिक तीव्रता रही। पिछले साल के समान अवधि में ऐसी कोई भारी बारिश रिपोर्ट नहीं हुई थी।

नेपाल में इस मॉनसून के प्रभाव से क्या विशेष खतरे हैं?

कोशी और मधे़श क्षेत्रों में moderate‑to‑heavy बारिश के कारण पहाड़ी बाढ़ की संभावना है। विशेषज्ञों ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में बाढ़‑रोधी उपायों को कड़ी नजर रखी जाए, क्योंकि अचानक जलस्रोत में वृद्धि से तेज़ बहाव और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

आगे के हफ्तों में तापमान की दिशा क्या होगी?

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कम होते ही तापमान धीरे‑धीरे सामान्य सीमा (30‑33℃) पर लौटेगा, लेकिन रात के समय 19‑20℃ के आसपास रहेगा। इसलिए लोग शाम‑संध्या में हल्के जैकेट या स्वेटर का उपयोग कर सकते हैं।

हमारे बारे में

"मनमान चैन" वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहां आपको मन की शांति और सुखद जीवन के बारे में अनूठे लेख, विचार और सुझाव मिलेंगे। हमारा उद्देश्य आपके मन को चैन दिलाना है और हर दिन को बेहतर बनाने में मदद करना। इसे आज ही देखें।